5 Easy Facts About Shodashi Described
Wiki Article
हरिप्रियानुजां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥७॥
ह्रीं श्रीं क्लीं परापरे त्रिपुरे सर्वमीप्सितं साधय स्वाहा॥
Shodashi is known for guiding devotees toward larger consciousness. Chanting her mantra promotes spiritual awakening, encouraging self-realization and alignment While using the divine. This gain deepens internal peace and knowledge, producing devotees extra attuned to their spiritual objectives.
Saadi mantras tend to be more accessible, utilized for common worship and also to invoke the presence of the deity in daily life.
केवल आप ही वह महाज्ञानी हैं जो इस सम्बन्ध में मुझे पूर्ण ज्ञान दे सकते है।’ षोडशी महाविद्या
उत्तीर्णाख्याभिरुपास्य पाति शुभदे सर्वार्थ-सिद्धि-प्रदे ।
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
षट्पुण्डरीकनिलयां षडाननसुतामिमाम् ।
दुष्टानां दानवानां मदभरहरणा दुःखहन्त्री बुधानां
॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥
ऐसी कौन सी क्रिया है, जो सभी सिद्धियों को देने वाली है? ऐसी कौन सी क्रिया है, जो परम श्रेष्ठ है? ऐसा कौन सा योग जो स्वर्ग और मोक्ष को देने वाला? ऐसा कौन सा उपाय है जिसके द्वारा साधारण मानव बिना तीर्थ, दान, यज्ञ और ध्यान के पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है?
Shodashi’s influence encourages instinct, serving to devotees entry get more info their inner knowledge and build believe in of their instincts. Chanting her mantra strengthens intuitive skills, guiding folks towards decisions aligned with their highest fantastic.
, form, by which she sits atop Shivas lap joined in union. Her qualities are endless, expressed by her five Shivas. The throne upon which she sits has as its legs the 5 forms of Shiva, the well-known Pancha Brahmas
सर्वभूतमनोरम्यां सर्वभूतेषु संस्थिताम् ।